Type 2 Diabetes | T2D
डायबिटीज टाइप २ को ही आमतौर पैर डायबिटीज या मधुमेह कहते हैं ज्यादातर डायबिटीज वृद्ध लोगों में होती है पर अब किसी भी उम्र में डायबिटीज के रोगी मिलते हैं, बढती उम्र ,पारिवारिक समस्याएं ,बढ़ता वजन जिसमें पेट में चर्बी का जमाव , शरीर का आलसी होना और महिलाओं की पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम डायबिटीज होने के जोखिम को बढ़ा सकता है
डायबिटीज होने के तीन कारण हैं
- जब अग्न्याशय की इंसुलिन का उत्पादन करने की क्षमता न हो
- अग्न्याशय इंसुलिन का उत्पादन तो करता है लेकिन उतनी मात्रा का उत्पादन नही कर पाता है जितनी शरीर को जरुरी है
- इंसुलिन के प्रति कोशिकाओं की संवेदनशीलता ख़तम हो चुकी हो या कोशिकाए इन्सुलिन प्रतिरोधी हो चुकी हों
डायबिटीज के लक्षण
भूख अधिक लगना
बार बार पेशाब जाना खासकर रात में
अधिक प्यास महसूस होना
धुंधला दिखाई पड़ना
टांगों में ऐंठन महसूस होना
जननांगों के आसपास खुजली
घावों को ठीक होने में अधिक समय लगे
खुजली और त्वचा में संक्रमण (त्वचा में काले रंग के चकत्ते दिखना)
चक्कर आना ,चिडचिडापन होना और बार बार मूड में बदलाव
डायबिटीज टाइप २ का पता करने के लिए डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब्ड परिक्षण
- HbA1C Test
- Random Blood Sugar Test
- Fasting Blood Sugar Test
- Oral GlucoseTolerenceTest
डायबिटीज का इलाज
- जीवन शैली में सुधार
- नियमित रूप से डायबिटीज के रोगी के सेहत का मुल्यांकन
- डॉक्टर या बैद्य द्वारा प्रेस्क्राइब्ड दवाओं का सेवन