Melatonin - Uses, Side Effects, And Brands

मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो ज्यादातर मस्तिष्क की पीनियल ग्रंथि में बनता है। मेलाटोनिन रात और दिन के चक्र या सोने-जागने के चक्र को नियंत्रित करता है। अंधेरा शरीर को अधिक मेलाटोनिन बनाने के लिए प्रेरित करता है, जो शरीर को सोने का संकेत देता है। जब कि दिन का उजाला मेलाटोनिन उत्पादन कम करता है और शरीर को जागने का संकेत देता है। कुछ लोग जिन्हें नींद कम आती है उनमें मेलाटोनिन का स्तर कम होता है । ऐसा माना जाता है कि अगर वो मेलाटोनिन की खुराक ले तो उन्हें अच्छी नींद आ सकती है लोग आमतौर पर अनिद्रा और जेट लैग (अस्थायी स्लीपिंग डिसऑर्डर) के लिए मेलाटोनिन का उपयोग करते हैं ।
Other Name : MEL, Melatonina, Mélatonine, MLT, N-Acétyl-5-Méthoxytryptamine, Pineal Hormone, 5-Methoxy-N-Acetyltryptamine, N-acetyl-5-methoxytryptamine
Uses Of Melatonin :
Insomnia and Jet lag Problems, Non-24-hour sleep-wake disorder, Migraine, Anxiety, and Sedation, Confusion and agitation, Sleep disturbance, Sunburn, Thrombocytopenia, High blood pressure , Painful uterine disorder (Endometriosis), Delayed sleep phase syndrome
Side Effects Of Melatonin :
Melatonin is possibly safe when taken long-term or Short term. Melatonin is used safely for up to 2 years. But Melatonin can cause some side effects including sleepiness, dizziness, headache, and nausea. After taking melatonin You should not drive or use the machine for 4-5 hours.
Melatonin Brands In India

बिना अंग्रेजी दवाओं के नींद कैसे आये ?
नींद मनुष्य के लिए वरदान है क्योंकि अच्छी और गहरी नींद शरीर और मस्तिष्क को ऊर्जावान बना देती है अच्छी नींद आने से यादाश्त बढ़ती है साथ एकाग्रता बढ़ती है । पर्याप्त नींद लेने पर शरीर हमेशा तरोताज़ा महसूस करता है। अच्छी नींद हम सबको चाहिए लेकिन इस तनाव भरी जिंदगी में काम का बढ़ता बोझ और कल क्या होगा या बहुत सारे तनाव मनुष्य को सोने नहीं देते जिस कारण अनिद्रा जैसी व्याधि उत्पन्न होती हैं जिस कारण अनेक प्रकार की शारीरिक समस्याएं जैसे हृदय रोग, थकावट, बदन दर्द, अकड़न,और मानसिक रोग जैसे पागलपन, भूलने की समस्या , चिड़चिड़ापन, और शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाना, अपच और कब्ज जनित समस्याएं जैसे बवासीर, आँतों की सूजन और दवाओं का ठीक तरह से काम न कर पाना, भूख न लगना आदि तमाम बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं।
क्या है इंसोम्निया (What Is Insomnia?)
अच्छा आरामदायक बिस्तर हो और रात हो चुकी हो, और आपके सारे काम पूरे चुके हों मतलब सोने का पूरा मौका हो और फिर भी नींद न आ रही हो तो इस स्थिति को इंसोम्निया या अनिद्रा कहते हैं।
इंसोम्निया के प्रकार
इंसोम्निया दो प्रकार की होती है। प्राइमरी लेवल के इंसोम्निया में सिर्फ नींद न आने की समस्या होती है लेकिन इसके दिन में ये पता नहीं चलता की रात को हम सोये नहीं थे। सेकेंडरी लेवल के इंसोम्निया में नींद न आने के अलावा भी ढेरों समस्याएं होने लगती हैं। इन समस्याओं में हृदय रोग, थकावट , बदन दर्द, अकड़न,और मानसिक रोग जैसे पागलपन, भूलने की समस्या , चिड़चिड़ापन, और शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाना, अपच और कब्ज जनित समस्याएं जैसे बवासीर, आँतों की सूजन और दवाओं का ठीक तरह से काम न कर पाना, भूख न लगना , डिप्रेशन और अस्थमा भी शामिल हैं।
रात में सोने से पहले करें ये प्राणायाम और योगासन, बस 15 मिनट में आएगी बढ़िया नींद
- शवासन (Shavasana)
- उत्तानासन (Uttanasana)
- मार्जरासन (Marjariasana)
- बद्ध कोणासन (Baddha Konasana)
- विपरीत करणी (Viparita Karani)
- बालासन (Balasana)
- भस्त्रिका प्राणायाम और सुदर्शन क्रिया